Ads 468x60px

मंगलवार, 22 नवंबर 2011

पाठ-2, राजस्थानी सबद बुगचो [ सबद कोस ]

पाठ-2, राजस्थानी सबद बुगचो [ सबद कोस ] 

                      [] ओम पुरोहित 'कागद'
 
कोई भाषा कित्ती जूनी ठरकै अर मठोठ आळी है इण बात रो ठाह उण रै सबद भंडार  सूं लागै । जिण भाषा  में जगत रै सगळै जड़-चेतन री किरियावां , संज्ञावां विसेसण कारक आद सबद रूप में बखाणीज सकै-कथीज अर लिखीज सकै , जोड़ला सबद, परयायवाची, विलोम सबद, रो अणथाग खजानों  होवै बा भाषा जूनी ठरकै अर मठोठ आळी बजै । जकी  भाषा खनै जित्ती घणीं ब...ोल्यां होवै उण खनै बित्ता ई घणां सबद अर उणां रा परयायवाची , एकारथी, घणांअरथी, अर सबदां रा विलोम सबद होसी । कोई भी भाषा होवो , बा आपरो सबद भंडार आपरी बोल्यां सूं ई सबद लेय’र भरै ! आपां दुनियां रा स्सै सूं घणां भागसाळी हां  कै आपणीं मायड़ भाषा राजस्थानी में 73 बोल्यां है ।  राजस्थानी भाषा आपरी आं  73 बोल्यां सूं सबद अंवेरै । इणीज कारण  राजस्थानी भाषा खनै आपरै एक ई महाकाव्य "पृथ्वीराज रासो" माथै निरवाळो अर दुनियां रो स्सै सूं लूंठो सब्द कोस है  जिण में 380000 सब्द है ! आओ जाणा राजस्थानी भाषा रा जूना अर नूआं सबद कोस-

राजस्थानी सबद कोस री जातरा
================
राजस्थानी में घणां ई जूना सबद कोस है पण आं रो सरूप आज रै सबद कोसां दाईं नीं है । जुरतमुजब, विषयवार  अर छन्दा रै बंधेज में है । आं री विगत इण भांत है-

 A-जूनी ढाळ रा छन्द बन्ध्या सबद कोस
=====================
1-पाईयल्च्छीनांममाळा-रचनाकार-पं.धनपाल जैन--वि.सं- 1029 [ईस्वी-972 ]
2-देसी नांम माळा- रचनाकार-हेमचन्द्र [रयणावली ]
3-अभिधानचिन्तामणिनांममाळा-हेमचन्द्र [ वि.सं.-1145 ]
4-अनेकारथी संग्रै-हेमचन्द्र
5-डिंगळ नांममाळा-कुसललाभ-[वि.स.- 1618 रै ऐड़गेड़]
6-नागराज डिंगळ कोस-नागराज पिंगळ
7-हमीर नांममाळा- हमीरदान रतनू-[ वि.स.-1714 }
8-अवधानमाळा-बारठ उदैदान
9-नांममाळा- रचनाकार रो ठाह कोनी
10-डिंगळ कोस-मुरारीदान [ महाकवि सूरजमल रो खोळायत बेटो ]
11-अनेकारथी कोस-उदैदान बारहठ
12-एकाखरी कोस-वीरभान रतनू
13--एकाखरी नांममाळा-उदैराम बारहठ
14-पारसत नांममाळा-कुंवर कुसल
15-लखपति मांन मंजरी-लखपत
16-विजैराज मंजरी नांममाळा-लखमी कुसल
17-सुबोध चंद्रिका-अनेकारथी नांममाळा- फ़कीर चन्द
18-वैजैप्रकास कोस- वजमाल मेहडू
19-अनेकारथी नांममाळा-महासिंघ [ सम्वत-1760 ]
20-अनेकारथी नांममाळा-महासिंघ [ सम्वत-1702 ]
21-अनेकारथी- सागर रचेता-[ 19 वों सईको ]
22-आतमबोध नांममाळा-चेतन विजय
23-आरंभ नांमाळा-सुबुद्धि [ 18 वों साईको ]
24-ख्वालकबरी-पं.अभयसोम
25-धनजी नांममाळा- सागर कवि [ 19 वों सईको ]
26-प्रदिपिका नांममाळा-रघुनाथ
27-भारती नांममाळा- भीख जैन वि.सं-1685
28-मानमंजरी नांममाळा- बद्रीदास- [ वि.सं.1725]
29 -अनेकनांममाळा-नन्ददास
30-अनेकारथी नांममाळा-नन्ददास
31-नांम निकेत-बिहारीदान
32 -मान मंजरी-नन्ददास [ वि.सं.-1941 ]

B-नूंईं ढाळ रा सबद कोस
=============

33-राजस्थानी सबद कोस-पद्मश्री सीताराम लालस [ सन- 1978 ] इण रा 9 खंडां में , 9 बाई 11 इंच साइज रै  6000      पान्नां माथै 200000 सबद है
34- राजस्थानी-हिन्दी छोटो सबद कोस - पद्मश्री सीताराम लालस , पाना - 1726सबद 250000
35-राजस्थानी-हिन्दी सबद कोस-बदरी प्रसाद साकरिया
36-राजस्थानी-हिन्दी लघु सबद कोस-बी.एल माळी असांत
37-राजस्थानी-हिन्दी-अंग्रेजी सबद कोस-भंवर लाल सरमा अर डा.रघुवीर सिंह गेहलोत
38-राजस्थानी औद्योगिक सबदावळी-डा. ब्रजमोहन जावलिया
39-वागड़ नो राजस्थानी सबद कोस-ब्रजलाल भाणावत
40-वागड़ छेत्तर रो सबद कोस-डा. ब्रजमोहन जावलिया [ काम चालै हाल ]
41-सबकी बोली--डा. रघुवीर-----[ पै’लै रो ठाह नीं पण दूजो संस्करण-1942 ] ओ सबद कोस रोमा बिणजारां री राजस्थानी खानाबदोस बोली जकी ऐशिया, अफ़िका,योरोप में बोलीजै  रो
42-सबद सम्पदा- मूळचन्द प्राणेस
43-राजस्थानी सबद कोस- किसन सिंह बारहठ

सांस्कृतिक / धारमिक राजस्थानी सबद कोस
=======================
44-पृथ्वीराज रासो सबद कोस-सम्पदन- डा, देव कोठारी --सबद खजानो - तीन लाख अस्सी हज़ार
45-मीरां सबद कोस-कृष्ण चन्द्र सास्त्री
46-जम्भवाणी सबद कोस- किसना राम विश्नोई
47-अणभैवाणीं जी सबद कोस- राजचरण जी महाराज
49 प्रारम्भिक राजस्थानी सबद कोस-तुला राम जोसी
50जुतपत कोस--अंग्रेजी में गया थका राजस्थानी सबदां अर राजस्थानी भाषा में बरतीजण आळा अंग्रेजी ,अरबी ,फ़ारसी रा सबदां री विरोळ ----सबदां री उत्पति

 [] ओम पुरोहित 'कागद'
    24 -दुर्गा कोलोनी
   हनुमानगढ़ संगम - 335512 [ राजस्थान ]
  खूंजे रो खुणखुणियों - 09414380571

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें